1.5 साल का बच्चा चमत्कारिक ढंग से साबुन के पानी वाली वॉशिंग मशीन के अंदर 15 मिनट तक जिंदा रहा! Viral News!

1.5 Saal ka baccha Chamatkari Tarike se Washing Machine ke andar 15-minute tak Zinda raha!

1.5 साल का बच्चा वाशिंग मशीन में भरे हुए साबुन वाले पानी में गिरने के कथित तौर पर उसमे 15 मिनट तक रहने के बाबजूद चमत्कारी रूप से बच गया. वाशिंग मशीन में गिरने के बाद बचा कोमा में चला गया था और उसे अस्पतक के वेंटीलेटर पर रखा गया था. लगभग 12 दिनों तक अस्पताल के वार्ड में रखने के बाद बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया गया. पढ़ें पूरी रिपोर्ट!

डेढ़ साल का बच्चा कथित तौर पर 15 मिनट तक वाशिंग मशीन के अंदर साबुन वाले पानी में रहा. इसके बाबजूद बच्चा जिंदा सलामत बच गया, ये किसी बड़े चमत्कार से कम नहीं है.

1.5 Saal ka baccha Chamatkari Tarike se Washing Machine ke andar 15-minute tak Zinda raha!
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कोमा में रहने और सात दिन वेंटीलेटर में बिताने के बाद बच्चे को 12 दिनों तक अस्पताल के वार्ड में डॉक्टरों के निगरानी में रखा गया. बच्चे का इलाज फोर्टिस अस्पताल में किया गया था. वहां के डॉक्टरों का कहना है कि बच्चा अभी बिलकुल स्वस्थ है और सामान्य रूप से हरकतें कर रहा है. अस्पताल के मेडिकल स्टाफ का कहना है कि इस बच्चे को अस्पताल में बेहोशी की हालत में लाया गया था. उस वक़्त बच्चे को ठण्ड लग रही थी और सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही थी. 

डॉ राहुल नागपाल (जो कि एक नियोनेटोलॉजी और पीडियाट्रिक्स के निदेशक है) कहा ”बच्चे को जब अस्पताल में लाया गया था तब वह नीला पद गया था और हांफ रहा था. उस वक़्त बच्चे की ह्रदय गति काफी कमज़ोर थी और कोई पल्स और बीपी नहीं थी.”

बच्चे की माँ ने अस्पताल के डॉक्टर से कहा कि बच्चा लगभग 15 मिनट तक साबुन वाले पानी से भरे हुए वाशिंग मशीन के अन्दर बिताया. वाशिंग मशीन का ढक्कन खुला हुआ था और बच्चा उसमे किसी तरह से गिर गया था. कुछ वक़्त घर में बच्चे की तलाश कर रही थी और बाद में वाशिंग मशीन में चेक करने पर मिला. बच्चा किसी तरह कुर्सी में चढ़ गया था और वह से शायद फिसल कर वाशिंग मशीन में गिर गया था.

बाल रोगी सलाहकार, डॉक्टर हिमांशी जोशी ने कहा की बच्चे को मृत अवस्था में अस्पत लाया गया था. दोसतोर नागपाल का कहना है की शायद समय की अवधि 15 से कम होगी अन्यथा जीवित रहना मुस्किल था. उन्होंने यह भी कहा की फिर भी अगर देखा जाये तो वास्तब में बच्चे का जीवित रहना एक चमत्कार ही है. 

साबुन वाले पानी में रहने के कारन बच्चे के फेफड़ों में साबुन वाले पानी के रूप में कुछ रसायन अन्दर चला गया जिससे बच्चे को निमोनिया हो गया. डॉक्टर जोशी ने एक और बात का खुलाशा करते हुए कहा कि बच्चा गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण से भी पीड़ित था. उन्होंने कहा की बच्चे को जरुरी एंटीबायोटिक्स और आईवी फ्लूइड का सपोर्ट दिया गया था जिसके असर से वह धीरे-धीरे ठीक होने लगा.

उसके बाद बच्चा अपनी माँ को पहचानने लगा और उसे वेंटीलेटर से हटाकर वार्ड में रखा गया. बच्चे को अस्पताल के ICU में सात दिन रखा गया और उसके बाद बारह दिनों तक वार्ड में डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया. बच्चा पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद ही अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया.

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